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Sunday, March 1, 2020

नेता जी और जनता

जब भारत का विस्तार हुआ तब से आज तक हम अपने ही नेताओं को समझने की कोशिश  कर रहे है  हम ये नही समझ
पा रहे है कि नेता हमारे लिए है या हम नेता के लिए एक टाइम था जब हम कहा करते थे कि नेता जन सेवक होता है  लोगो की सेवा के लिए होता है लेकिन आज समय बदल गया है नेता जनता के लिए ना हो कर।
                        जनता नेता के लिए हो गई है भारत के सविंधान ने जनता को इतने अधिकार दिये है कि बो अपने लिए जन सेवक चुन सके और देश का और जनता का विकास हो सके लेकिन हम ये सारी बाते भूल गये है हमने अपने नेता को इतना बड़ा बना दिया है कि अब बो हमारा चाहे जैसे उपयोग करता है और हमें ही भूल जाता है जिस देश का सविंधान इतना मजबूत है बहा हम भूल जाते है कि कोई भी नेता जनता से बड़ा नही होता है आपका एक वोट उस नेता के लिए  बहुत  बड़ा है जब लोकतंत्र कि बात आती है  तो एक वोट ही बहुत बड़ा हो जाता है
 क्या हमसे कोई गलती हुई है क्या हम कुछ भूल रहे है शायद हा इसलिए भी की आज के टाइम मे हम कुछ ऐसा सोच  रहे है जो लोकतंत्र के लिए सही नही हैं  बहुत सी बाते है
1 जैसे  कोई नेता अगर सही से काम नही करता तो भारत की हर पार्टी ने ये व्यवस्था की है कि उसे आने बाले चुनाव मे टिकट नही दिया जायेगा  ऐसा तो नही है कि हमारे ऊपर कोई पार्टी अपना नेता जबरदस्ती नेता थोप दे पार्टियां भी मंथन करती है कि जनता को कौन सही और कौन गलत लगता है
2 लेकिन हम खुद ही अपने आप को पार्टी  बड़ा समझ लेते है ये लोकतंत्र है इसमें हमें इतनी शक्ति मिली है कि हम अपना नेता खुद चुन सके....

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