A

Friday, May 22, 2020

उम्मीद

हम क्यो तोड़ दे उम्मीद की वो आस जो हमे हर दम चलना सीखती है क्यो होकर उदास गुम रहे इस ख़ौफ़ के साये में उम्मीद हमे जीना सीखती है  आज कोरोना काल मे हम परेशान है डर गए है आगे क्या होगा लेकिन क्या हम उम्मीद भी छोड़ दे  
एक इंसान अगर संक्रमित हो जाये क्या उसे अपनी उम्मीद तोड़ देनी चाहिए नही जीने का हौसला रखो  उम्मीद रखो  सब अच्छा हो जायेगा बस कुछ नियम है इस काल मे जीने के कुछ बाते हमे माननी है जात धर्म से ऊपर आकर कुछ चीजें हमे देखनी है लेकिन उम्मीद नही छोड़नी है हम जीत जायगे कोरोना हार जायेगा  यही उम्मीद दिलो में रखनी है और जो नियम शासन प्रशासन बताए उन्हें अच्छे तरीके से पालन करना है मेरे जिले में एक इंसान कोरोना पोस्टिव हो गया था लेकिन उसने उम्मीद नही छोड़ी  बीमारी का ईलाज हुआ वो ठीक हो गया उसके अंदर जीने की उम्मीद थी कुछ सपने थे कुछ अरमान थे अपनो से फिर मिलने का  का इरादा था तो उसे इंसान से कोरोना हार गया आज वो पूरी तरह स्वस्थ है और घर जा चुका है अगर वो मन से हार जाता शायद फिर ठीक न हो पाता लेकिन उसे अंदर जो उम्मीद थी और डॉक्टर नर्स  और शासन का सहारा था इसलिए आज बो कोरोना की जंग जीत गया  
ये बीमारी संक्रमित बीमारी है इसमें आपको हमको एक दूसरे से दूर रहने ले लिए बोला गया है तो बीमार इंसान को ये नही सोचना है कि अब मेरा क्या होगा उम्मीद रखनी है अगर कोई संक्रमित हो गया है तो बो ये ना सोचे हमेशा लोग उसे दूरी बना कर रखेगे नही जबतक बो संक्रमित है तब तक के लिए ताकि उसे बीमारी से बचा कर दूसरे को भी बचा सके मन मे कोई बात न लाये सब ठीक हो जाता है एक दिन घबराना नही है मजबूत बने रहना है ताकि इस बीमारी को हरा सके और अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर सके अपने अपनो से फिर मिल सके इसलिए उम्मीद को हमेशा जिंदा रखना है और खुद से कहना है हम जीत जायगे कोरोना हार जायेगा  
जो संक्रमित नही है और न होना चाहते हैं  बे सभी लोग शासन के नियम का पालन करे और एक दूसरे से दूरी बना कर रखे सिर्फ शरीर से मन हमेशा पास रखे अपने अपनो के लिए  

No comments:

Post a Comment

जिन्दगी लाइफ प्यार घर जीवन

जिन्दगी लाइफ प्यार घर जीवन जिन्दगी लाइफ प्यार घर जीवन बचपन एक ऐसा दौर है जिसको हम बड़े प्यार से पीछे मुड़ कर देखा करते हैं। वो ऐसा वक्त ...