कथा / चिंता से कोई भी काम मुश्किल हो जाता है मन शांत रहेगा तो हर काम आसानी से पूरा हो जाता है |
. राजा अपने राज्य के काम काज और शत्रुओ की वजह से चिंतित रहने लगा तो उसके गुरु ने कहा कि तुम ये राजपाठ, महल मुझे दे दो और मेरे महल में रह कर नौकरी करो और राज्य की देखभाल करो|
जीवन मंत्र =अगर हम किसी वजह से चिंतित हैं तो हमें कोई सरल काम भी मुश्किल लगता हैं इस संबंध मे एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक राजा के राज्य मे अकाल पड़ा। इस वजह से प्रजा ने राजा को कर नही दिया। राजकोष भी खाली हो रहा था। उसके शत्रु मौका पाकर उसके राज्य पर अधिकार करने की योजना बना रहे थे. और उसके मंत्री भी उसके खिलाफ योजना बना रहे थे इन सब विपरीत बातो की वजह से राजा बहुत परेशान रहने लगा था। उसकी समझ मे नही आ रहा था कि वह इस परेशानी को कैसे दूर करें।
.चिंतित राजा अपने गुरु के पास गया और सारी बात बता दी।
गुरु राजा की परेशानी समझ गए। उन्होंने राजा से कहा कि आप अपना पूरा राजपाठ मुझे सौप दो और एक सामान्य इंसान की तरह हो जाओगे तो तुम्हारी सारी चिंता खत्म हो जाएगी
.राजा इस बात के लिए तैयार हो गया और उसने पूरा राजपाठ गुरु को सौंप दिया। गुरु ने राजा से कहा कि अब आप मेरे राज्य मे नौकरी कर लो महल मे रहो और मेरे राज्य की देखभाल करो। मैं तो संन्यासी हूँ। मुझे राज्य चलने का अनुभव नही है मै अपने आश्रम मे ही रहुँगा. लेकिन तुम यहां रहकर मेरे राज्य का पालन करो। राजा प्रसन्न हो कर इस काम के लिए तैयार हो गया।
.अगले दिन राजा चिंता मुक्त था, क्योंकि अब वह सिर्फ एक नौकर था। उसे अपने गुरु के राज्य का संचालन करना था। वह प्रसन्न हो कर राज्य को अच्छी तरह चलने लगा। काम पहले की तरह था, लेकिन अब उस पर कोई भी अतिरिक्त जिम्मेदारी नही थी। कुछ महीनों के बाद महल मे गुरु जी का आगमन हुआ। राजा ने गुरु को बताया कि अब आपका राज्य बहुत अच्छी स्थिति मे है राजकोष मे भी धन की कमी नही है और शत्रुओ को भी शांत कर दिया गया है और प्रजा का पालन सही ढंग से हो रहा है।
गुरु ने राजा की बात सुनी और कहा कि आप ये काम पहले भी कर सकते थे। लेकिन उस समय आप चिंताओ मे घिरे थे। चिंता की वजह से ही ये काम तुम्हे मुश्किल लग रहा था। जब तुम्हारी चिंताए दूर हो गई तो तुमने ये काम बहुत ही आसानी से सभांल लिया।

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